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swachh bharat abhiyan essay ( स्वच्छ भारत एक मिशन निबंध )
प्रधानमंत्री की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है।

अब हम स्वच्छ भारत एक मिशन पर पूरी जानकारी के साथ चर्चा करते है।
स्वच्छ भारत एक मिशन निबंध के मुख्य बिंदु
- प्रस्तावना
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना 👉👉स्वच्छ भारत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छता की ओर बढ़ाया गए एक महत्वपूर्ण कदम
- अस्वच्छता से भारत की छवि पर पड़ने वाले कुप्रभाव
- स्वच्छ भारत के लिए भारत वासियों द्वारा किए जाने वाले योग्य प्रयास
- उपसंहार
प्रस्तावना
हम सफाई के बारे में बहुत कुछ सुनते हैं और विषय पर हर दिन हर जगह बात भी की जाती है। आखिर यह सफाई है क्या? इस प्रश्न का गहनता से विचार किया जाना चाहिए। अवस्था से मानव जीवन को खतरा पैदा होता है।
स्वच्छता हम में से प्रत्येक से शुरू होती है, यही कारण है कि सफाई के लिए हर किसी के जीवन में पाठ पढ़ाया जा रहा है। दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं, उसका कारण यह है, कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और ना ही होने देते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या सफाई करना, इस देश को अस्वच्छता या गंदगी से मुक्त करना यह कार्य सिर्फ सफाई कर्मियों के हित में ही है।
क्या सवा सौ करोड़ देशवासियों का कोई दायित्व नहीं है ? हम सभी भारत माता की संतान है. जिसके लिए हम सबका दायित्व भी बनता है कि हम अपने देश को स्वच्छ रखें।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना स्वच्छ भारत
गांधीजी ने जिस भारत का सपना देखा था, उसमें कोई राजनीतिक आजादी नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। गांधी जी ने हमें संदेश दिया था ” स्वच्छ भारत विकसित भारत ”
देशवासियों ने आजादी का आंदोलन चलाकर बापू के नेतृत्व में गुलामी से देश को आजाद कराया, लेकिन उनका सपना आज भी अधूरा है। अब हमारा कर्तव्य भी है, कि गंदगी को दूर करके भारत मां की सेवा करें।
2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस पर देश के प्रधानमंत्री ने गांधी जी के सपने को पूरा करने का संकल्प लेते हुए पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान का आगाज किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छता की ओर बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण का अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विकसित देश की श्रेणी में लाने का महत्व प्रयास करते हुए स्वच्छ भारत अभियान की जोरदार शुरुआत की। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया यह अभियान निश्चित रूप से सराहनीय और ऐतिहासिक बना, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर सभी सरकारी कर्मचारियों ने अपना योगदान दिया। सरकारी विभागों में इस राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर स्वच्छता बनाए रखने की शपथ दिलाई गई।
सरकारी स्कूलों में रैलियां निकालकर लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत का कार्य राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा से किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि जब हम इंडिया गेट पर आते हैं, राष्ट्रपति भवन की ओर जाते हैं, तब जो सफाई देखते हैं, वह मन को कितनी अच्छी लगती है? क्या हमारे देश का हर कोना इतना ही साफ नहीं होना चाहिए। जिसके प्रति हमें सदैव तैयार रहना चाहिए अतः स्वच्छता हमारा सामाजिक दायित्व है।
अस्वच्छता से भारत की छवि पर पड़ने वाले कुप्रभाव
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में साफ-सफाई न होने के चलते प्रति व्यक्ति ₹6500 खर्च हो जाते हैं। फिर भी अस्वच्छता बेकरार है। गंदगी का भारत पर इतना कुप्रभाव पड़ा है, कि यहां के निवासियों में अनेक संक्रामक बीमारियां फैली है। खाद्य पदार्थों पर भिन्न-भिन्न आते मच्छर-मक्खी नालियों में अवरुद कचरा आर्थिक स्थिति का कमजोर होना।
जनता के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है, प्रशासन के द्वारा इलाकों में गंदगी को दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया जाता है। जिससे वहां व्याप्त गंदगी पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था को गंदी कर देती है। विदेशों में जाकर आने वाले भारतीय कहते हैं, वाह इतना साफ सुथरा कहीं गंदगी नहीं थी, वहां के लोगों में अनुशासन है तभी तो वहां कोई गंदगी करते नहीं देखा गया , न कूड़ा- कचरा करते हैं न पान की पिचकारी फेंकते हैं।
जबकि भारत में यह स्थिति बिल्कुल विपरीत है, गंदगी से वातावरण दूषित होता है और जन स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे विकासशील देश भारत का उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होना एक जटिल समस्या बन गई है।
स्वच्छ भारत के लिए भारतवासी द्वारा किए गए प्रयास
भारत को स्वच्छ बनाने का काम किसी एक व्यक्ति या अकेली सरकार का नहीं है, यह काम तो पूरे देशवासियों द्वारा किया जाना चाहिए। भारत को स्वच्छ बनाए जाने की भावना लोगों में स्वयं की प्रेरणा से आनी चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान को एक जन आंदोलन में तब्दील किया जाना चाहिए। गांधीजी हिंदुस्तान के हर गली मोहल्ले की सफाई करने नहीं गए थे, लेकिन सफाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने पूरे भारत में सफाई के प्रति जागरूकता पैदा की।
लोगों को ठान लेना चाहिए कि वह न तो गंदगी करेंगे और ना ही होने देंगे। स्वच्छ भारत का जन स्वास्थ्य पर अनुकूल असर पड़ेगा और इसके साथ ही गरीबों की मेहनत की सफाई कमाई की बचत हो सकेगी, जिससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में विकास हो सकेगा नगर पालिका द्वारा प्रदान किया गया कचरा पात्र में ही कचरा डालना चाहिए।
औद्योगिक क्षेत्रों में आए दिन होने वाले कचरे के प्रदूषण से बचने के लिए कचरा प्रबंधन सिस्टम प्रणाली को अपनाया जाना चाहिए। शौचालय बनाए जाने की अहमियत को रेखांकित किया जाना चाहिए। साफ सफाई को देशभक्ति व जनस्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता से जोड़कर देखा जाना चाहिए। हम सभी का कर्तव्य और हमें अपने देश को स्वच्छ रखना चाहिए।
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उपसंहार
गांधी जयंती पर केंद्रीय सरकार की ओर से चलाई गई स्वच्छ भारत अभियान की मुहीम में दलगत राजनीति को प्रवेश नहीं देना होगा। हम सभी को शपथ लेनी होगी कि हम स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहेंगे और उसके लिए समय देंगे। हम श्रमदान करके स्वच्छता के संकल्प को चरितार्थ करेंगे। हम भी गांव-गांव गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करेंगे। हमें यह भी मालूम है कि स्वच्छता ओर बढ़ाया गया हमारा एक कदम पूरे देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।